बीस हजार रिश्‍वत लेते Bmo गिरफ्तार ..

प्रदेश में भ्रष्टाचार खत्म करने को लेकर बातें तो बड़ी बड़ी की जाती रही हैं परंतु प्रदेश में नौकरशाहों की मानसिकता बिना पैसे के काम करने की बची ही  नहीं है ? इसी के चलते आए दिन रिश्वतखोरी के मामले में अनेकों कार्रवाई लोकायुक्त व राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो द्वारा की जा रही है ,परंतु भ्रष्टाचार का दंश खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है ! ऐसे में सरकार को त्वरित और सबूतों के आधार पर जितने जल्द से जल्द जेल और  बर्खास्तगी जैसे कदम नहीं उठाएंगे तब तक प्रदेश की जनता भ्रष्टाचार से  मुक्ति नहीं मिलेगी ….

इसी तारतम्य में मंडला जिले में जबलपुर लोकायुक्त की टीम ने कार्रवाई करते हुए ब्लाक मेडिकल आफिसर को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। आज जब ब्‍लाक मेडिकल आफिसर डा. दिनेश टाकसांडे को जबलपुर लोकायुक्त ने बीस हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों स्वास्थ्य केंद्र बिछिया में पकड़ा।

जानकार बताते हैं कि बीएमओ ने सुपरवाइजर का ट्रांसफर रुकवाने के लिए रिश्वत की मांग की थी। जिसकी शिकायत सुपरवाइजर ने जबलपुर लोकायुक्त में की थी, शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त टीम ने रणनीति तय कर भ्रष्ट बीएमओ को  मैं पैसों के  गिरफ्तार किया।

दरअसल इस मामले में सुपरवाइजर महेंद्र लाल चौधरी जाे कि आवेदक सुभाष देशराज के रिश्तेदार है। उनका स्थानांतरण मंडला जिले में ही विकासखंड कार्यालय बिछिया के अंतर्गत ककैया से घुघरी हो गया था। स्थानांतरण रुकवाने के लिए बीएमओ टाकसांडे के द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही थी। पहले 75 हजार रुपये की राशि मांग की गई थी। पहली किश्त आवेदक सुभाष देशराज ने बीएमओ टाकसांडे को रिश्वत दी। जैसे ही बीएमओ ने रिश्वत ली। रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया।