“बिना सही दिशा के ऊर्जा अपराध की राह पकड़ती है”: प्रो. सिंह

निर्मला इंग्लिश मीडियम हायर सेकंडरी स्कूल छिंदवाड़ा में साइबर क्राइम सुरक्षा और युवाओं में बढ़ती हिंसक प्रवृत्ति पर आयोजित व्याख्यान में प्रमुख वक्ता बतौर बोलते हुए प्रेरक वक्ता डॉ.अमर सिंह ने कहा कि जो छात्र अपने मां बाप के बलिदानी त्याग को भांप नहीं पाते हैं, उनकी स्वयं की साधना अपेक्षित मुकाम हासिल नहीं कर पाती है….

शिक्षा उसूलों के संस्कारों की हो, न कि भावनाओं में काबिलियत को बहा डालने की। जब इरादे नेक होते हैं तो, क्षमताओं की पुनीत मंदाकिनी फूट पड़ती है।

जब लगन, संकल्प और इच्छाशक्ति अडिग होती है, सफलता तलवे चाटने आ जाती है। बिना सही दिशा के ऊर्जा अपराध की राह पकड़ती है। जीने के विकल्प फोकस को कमजोर कर देते हैं।

कर्मनिष्ठ की किस्मत खुद कुदरत पूछकर लिखती है। सही वक्त पर बहाया पसीना बेवक्त पर खून बहाने को रोकता है।जब तक अंदर से तड़फ की आग नहीं लगती तब तक दिव्य शक्तियां प्रबल नहीं होती हैं। जीने के जितने विकल्प बढ़ते जाएंगे, फोकस उतना कमजोर होता चला जाएगा।

लक्ष्य की पारदर्शी ख्वाइश सोने नहीं देती है। जो पीड़ा में तपकर योग्यता वृद्धि करे, उसे कुछ भी असंभव नहीं है।अंतर्निहित संभावनाओं को स्वप्न पूर्ति हेतु प्रज्जवलित करें। संस्थान की प्राचार्या लिली पॉल ने कहा कि छात्र की लक्ष्य प्राप्ति की ख्वाइश सोने नहीं देती है।

हर सफल व्यक्ति बने बनाए मिथक तोड़ता है। शिक्षिका प्रीति जैन शक्रवार ने कहा कि निर्मल तन, मन, हृदय और आत्मा लक्ष्य पर लेजर बीम की तरह लौ पैदा करती हैशिक्षिका ऋतु ने कहा कि। अच्छी आदतें हैसियत बढ़ाने में सहायक होती हैं। कार्यशाला में स्कूल के सभी शिक्षक व अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।