बदहाल स्वास्थ्य सुविधाए , सरकार के मुहँ पर तमाचा ..

प्रदेश में प्रशासनिक लूटपाट के किससे आम होते जा रहे है ! एक के बाद एक घोटालों और घपलो से लबरेज इस सरकार ने  प्रशासनिक पकड़ बिलकुल ही खो दी है ! नौकरशाही सर चढ़ के बोल रही है ! सार्वजानिक और सरकारी संस्थाओं में जमकर लूटपाट मची है ! नेता भी इस खेल में बराबर के हिस्सेदार होते नजर आ रहे है  है ! तभी तो प्याज के छिलकों की तरह नये-नये भ्रष्टाचार के मामले खुलकर सामने आने के बाबजूद जिम्मेदारो पर कार्यवाही ना होना घातक प्रतीत होता है ! इसके परिणाम सरकार और नौकरशाहों दोनों को ही भुगतना पड़ेगा जब जनता सडकों पर उतरकर अपने पैसों का हिसाब मांगने लगेगी ….

प्रदेश के अन्य जिलों की तरह दमोह में स्वास्थ्य सुविधा कितनी बदहाल है, उसकी पोल तब खुली जब एक पति पत्नी को हाथ ठेले पर लेकर अस्पताल पहुंचा। पहले तो उसे एंबुलेंस नहीं मिली, जब वह ठेले पर पत्नी को लेकर अस्पताल पहुंचा तो वहां गर्भवती को इलाज भी नहीं मिला।

आजादी के 75 साल बाद भी आज भी लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पाई है। आलम यह है कि सरकारी अस्पतालों में बेहतरीन इलाज तो दूर की बात है, मरीजों को समय पर एंबुलेंस तक नहीं मिल पाती है। दमोह के स्वास्थ्य सुविधा की उस समय पोल खुल गई, जब एक मजबूर पति अपनी गर्भवती पत्नी को ठेले पर लेकर अस्पताल पहुंचा।

हटा विकासखण्ड के रनेह गांव में प्रसव पीड़ा से कराह रही एक महिला को 108 एंबुलेंस की सेवा नहीं मिली। तब अपनी पत्नी की बिगड़ती हालत और दर्द देखकर पति हाथ ठेला लेकर आया और उसी पर लिटाकर अपनी पत्नी को करीब दो किमी दूर गांव के सरकारी अस्पताल पहुंचा पर यहां भी स्वास्थ्य व्यवस्था की हाल खस्ताहाल मिली। अस्पताल में भी उसे कोई सुविधा नहीं मिली। अस्पताल में मौजूद स्टाफ ने कह दिया कि तीन घंटे बाद आना। परेशान पति की मदद करने कुछ स्थानीय लोग पहुंचे और 108 वाहन उपलब्ध कराकर महिला को हटा सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां उसे भर्ती किया गया।

रनेह गांव में रहने वाले कैलाश अहिरवाल की पत्नी काजल गर्भवती है। आज उसे प्रसव पीड़ा शुरू हुई। कैलाश ने बताया कि उसने कई बार 108 एंबुलेंस के लिए फोन लगाया लेकिन एंबुलेंस घर नहीं पहुंची। पत्नी दर्द से कराह रही थी। उससे देखा नहीं गया, तो मजबूरी में उसने एक हाथ ठेला लिया और पत्नी को उस पर लिटाकर गांव के अस्पताल पहुंच गया, लेकिन वहां भी उसे मदद नहीं मिली। शुक्र है उन लोगों का जिन्होंने उसकी मदद की और दबाव बनाकर 108 एंबुलेंस बुलाई, तब जाकर वह अपनी पत्नी को हटा अस्पताल लेकर आया है। महिला की हालत नाजुक होने के कारण हटा के डॉक्टर ने उसे जिला अस्पताल रेफर किया है।

शासकीय अस्पताल के बीएमओ डाक्टर आरपी कोरी ने बताया कि महिला की हालत गंभीर होने पर उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया है। रनेह गांव के स्वास्थय केन्द्र में उस समय किस कर्मचारी की ड्यूटी थी, इसकी जानकारी ली जा रही है। लापरवाही पर कार्रवाई की जाएगी।

यही हाल छिंदवाडा के मेडिकल कालेज से सम्बन्ध जिला चिकित्सालय का है जहां अस्पताल में फैली गंदगी और अव्यवस्थाओ को लेकर बीते 2 घंटो से अस्पताल प्रांगन में nsui के बच्चे धरने पर बैठे है ! 

छिंदवाड़ा जिला अस्पताल में 2 घंटे से धरने में बैठे एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष…जिला अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरो पर लगाए लापरवाही के आरोप…जिला अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था सफाई सहित अन्य मुद्दों को लेकर धरने में बैठे एनएसयूआई के कार्यकर्ता….घटना की जानकारी लगते ही पुलिस मौके पर मौजूद…एनएसयूआई कार्यकर्ताओं का धरना प्रदर्शन जारी