प्रोफेसर पर यौन शोषण का आरोप ..

शिक्षा के मंदिर के पुजारी प्राध्यापक अगर शैक्षणिक संस्थानों (मंदिर) को ही वेश्यालय समझने लगे और उसके अनुरूप व्यवहार करने लगे तो मंदिरों और पुजारियों पर से ही आम जनता का विशवास उठ जाएगा , शिक्षको का यह अपराध अक्षम्यता की श्रेणी में माना जान चाहिए ! और जनता में शिक्षा की अलख जगाने बाले ऐसे गुरुजनों के लिए नीति शास्त्र में लिंग कर्तन जैसे कठोर दण्ड का प्रावधान है ! मोजूदा दौर में रीति-नीति के नियोक्ता आज के जनप्रतिनिधि है ? सब कुछ राजनीति ही तय करती है तो अब देखने बाली बात यह है की इस मामले में क्या दण्ड निर्धारित किया जाता है …. राकेश प्रजापति 

प्रदेश की राजधानी भोपाल में नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी (NLIU) में छात्राओं से यौन शोषण का मामला सुर्ख़ियों में आया है। जहाँ छात्राओं ने यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर तपन रंजन मोहंती पर अश्लील मैसेज भेजने का आरोप लगाया है। मामले की शिकायत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी की गई है। छात्राओं ने इस मामले को लेकर बीते दिनों कैंपस में प्रोफेसर मोहंती के ऑफिस में हंगामा भी किया। हंगामे के बाद मोहंती ने अतिरिक्त दायित्वों से इस्तीफा दे दिया।

ज्ञातव्य हो कि तपन रंजन मोहंती फर्जी डिग्री मामले में विवादास्पद रहे  हैं। छात्राओं की तरफ से छात्र संगठन के सदस्यों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से शिकायत की। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश डीजीपी को दिए। इसके बाद जांच के लिए मामला भोपाल कमिश्नर मकरंद देउस्कर को सौंपा गया।

कमिश्नर के निर्देश पर डीएसपी निधि सक्सेना ने जांच शुरू कर दी है। कल ही  डीएसपी सक्सेना अपनी टीम के साथ NLIU कैंपस पहुंचीं। यहां छात्राओं के बयान दर्ज किए। हालांकि जांच अधिकारियों ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि किन किन छात्राओं ने शिकायत की है।

मोहंती का इस्तीफा :- मोहंती ने हंगामे के बाद केबिन में ही एक इस्तीफा लिखा। उन्होंने डीन, डिस्टेंस एजुकेशन और इंचार्ज अकादमिक ब्लॉक-1 के पद से इस्तीफा दे दिया। मोहंती का फोन बंद होने के कारण उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

पहले भी फर्जी डिग्री मामले  :- करीब 4 साल पहले एनएलआईयू की परीक्षा शाखा के कम्प्यूटर सिस्टम खराब हो गया था। इसमें छात्रों की परीक्षा और उसके रिजल्ट संबंधी रिकॉर्ड का रखरखाव किया जाता था। उसकी हार्ड डिस्क खराब होने से कई सवाल खड़े हो गए। इसमें परीक्षा टाइम टेबल से लेकर टेबुलेशन चार्ट शीट की सॉफ्ट कॉपी रखी जाती थी।आरोप लगे कि फेल छात्रों को फर्जी तरीके से बीए-एलएलबी (ऑनर्स) की डिग्री दे दी गई। एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में गठित की गई कमेटी ने 9 प्रोफेसर्स और नॉन टीचिंग स्टाफ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश तक की थी। गड़बड़ी के दौरान मोहंती फैकल्टी इंचार्ज थे।

छात्र छात्राओं से दुर्व्यवहार सहन नहीं किया जाएगा: CM

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि छात्र-छात्राओं से दुर्व्यवहार सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आवश्यकता होने पर प्रकरण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और हाईकोर्ट के न्यायाधीश से भी चर्चा की जाएगी। मिडिया रिपोर्ट