प्राचार्य खुद इस स्कैंडल का सरगना ……

शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय खिरसाडोह जैसी गरिमामय शैक्षणिक संस्था को चंद भ्रष्ट , रिश्वतखोर, बेशर्म लोगो ने बदनाम कर दिया है !शिक्षा के मंदिर में रिश्वत रूपी बिष्ठा को चाट कर पुजारी (प्राचार्य ) मंदिर की गरिमा को नष्ट करने का काम कार रहा है और वह भी इस गुरुर में की प्रदेश की सत्ता में बैठे रिश्वतखोर नौकरशाह रिश्वत की दम पर भ्रष्टाचार के मलीन दागो को कब तक छिपा पाएंगे ! परन्तु अब ये दाग और पाप उजागर होने लगे है ! अब इन्हें कोई नहीं बचा पायेगा ? न तो भ्रष्ट नौकर शाह और न कोई उनका संरक्षक सफेदपोश ? सबके दिगम्बर होंने के दिन नजदीक आ गये है…….

शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय खिरसाडोह में  सिविल विभाग में  डिजाइन के अनुमोदन हेतु एवं अन्य टेस्टिंग हेतु भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का भयंकर तांडव विभागाध्यक्ष सिविल श्रीमती रितु मेवाड़े कर्मचारी उमेश कुराडे एवं प्राचार्य आर के पांडे के द्वारा किया जा रहा है|

सूत्र बताते है की बिना किसी टेस्टिंग के एवं परीक्षण के डिजाइन के अनुमोदन के लिए ₹5000 रिश्वत देने के पश्चात ही अनुमोदन किया जा रहा है| जो भी कांट्रेक्टर अथवा विभाग यहां से सत्यापन कार्य करवाना चाहता है उसे उस कार्य की शासकीय फीस (3900रुपया जो कि प्रिंसीपल के बैंक एकाऊंट में जमा किया जाता है ) के अलावा ₹5000 अतिरिक्त की मांग की जाती है और उसे तीनों में बांट लिया जाता है! यानि सामूहिक लूट और उसका आपसी बटवारा ?

रिश्वत रितु मेवाड़ा और उमेश कुराडे द्वारा ली जाती है एवं प्राचार्य को उनके हिस्से की राशि प्रतिदिन शाम को पहुंचाई जाती है| इसका एक ताजातरीन उदाहरण विगत दिसंबर माह कि 7 तारीख को एवं 12 तारीख को देखने को मिला जिसमें रितु मेवाड़े मैडम का स्टिंग ऑपरेशन किया गया जिसमें स्पष्ट है की रितु मेवाड़े डिजाइन सत्यापन के लिए ₹5000 की मांग करती रही और यह भी कहती रही की साहब को पैसे पहुंचाने पड़ते हैं और प्रिंसिपल साहब कहते हैं कि ₹5000 से कम ना लिया जाए ! प्राचार्य महोदय जिनके पैसे नहीं आते हैं उनके पेपर पर हस्ताक्षर नहीं करते हैं और संबंधित को सिवनी पॉलिटेक्निक से टेस्टिंग के लिए कहते हैं तथा जिनके पैसे आ जाते हैं उनके आवेदन को रितु मेंवाड़े को मार्क  कर देते हैं|

शिकायतकर्ता ने संवाददाता को बताया की ऐसे ही प्रकरण में मुझे प्रताड़ित किया गया एवं मेरी डिजाइन को रिश्वत की राशि न मिलने के कारण बिना अनुमोदन के वापस कर दिया गया उस संबंध में मैंने रितु मेवाड़े मैडम से रिश्वत के संबंध में हुई चर्चा की वीडियो रिकॉर्डिंग स्टिंग ऑपरेशन के माध्यम से की जिसकी जानकारी और मेरे प्रकरण में 27 नवंबर 2020 से लेकर 14 दिसंबर 2020 तक के पूरे घटनाक्रम की मौखिक शिकायत प्राचार्य शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय खिरसाडोह  को की परंतु क्योंकि प्राचार्य खुद इस पूरे रिश्वत के स्कैंडल में शामिल रहते थे ! अतः उन्होंने इस पर किसी प्रकार का कदम ना उठाया और ना ही कोई कार्यवाही की| कार्यवाही ना होने के कारण मैं अत्यंत दुखी हूं और आपसे न्याय की गुहार लगाता हूं|

सर्वविदित ही है की प्राचार्य आरके पांडे पूर्व में भी प्रभारी प्राचार्य के पद पर कार्य करते रहे हैं एवं उनके कार्यकाल के दौरान उन पर कई प्रकरणों पर जांच की कार्यवाही की गई जिसमें एससी एसटी छात्रों की स्टेशनरी में गबन करने का आरोप इन पर लगा एवं जांच अधिकारी द्वारा इन्हें दोषी पाया गया ! जिसकी सूचना कलेक्टर छिंदवाड़ा द्वारा जांच उपरांत तकनीकी शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन को प्रेषित की गई !

एक अन्य शिकायत में तत्पश्चात फर्जी टेस्टिंग सर्टिफिकेट जारी करने के मामले में प्राचार्य की पुनः जांच बिठाई गई ! इसमें भी प्राचार्य आर के पांडे को दोषी पाया गया ! बाबजूद इसके पांडे जी भाजपा कार्यकाल का फायदा उठते गए और भर्ष्टाचार , आर्थिक घोटाले पर घोटाले के रिकार्ड पर रिकार्ड बनाते जा रहे है ! प्रभारी प्राचार्य के रूप में सीनियर ना  होने के बावजूद भी अपनी पदस्थापना करा ली अपनी इस दूसरी पारी में भी आते से ही उन्होंने भ्रष्टाचार का पुराना रिकार्ड ध्वस्त कर महाभर्ष्ट होने का तमगा हासिल कर लिया और टेस्टिंग एवं सत्यापन कार्यों में रिश्वत देना प्रारंभ कर दी ! इसी दौरान पॉलिटेक्निक में कॉलेज लेवल काउंसलिंग के माध्यम से प्रवेश में भी कई छात्रों को पैसे लेकर एडमिशन कराया बात यहीं तक नहीं रही इन्होंने अपने पुत्र का एडमिशन सिविल ब्रांच में गलत तरीके से मेरिट में ना होते हुए भी करा डाला…………जारी