प्रदेश के हर जिलों में होगा मनरेगा लोकपाल ..

पिछले दिनों केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि जिन राज्यों में 80 %  जिलों में मनरेगा लोकपाल नियुक्त नहीं किए जाएंगे, उन्हें अगले वित्त वर्ष से रोजगार गारंटी योजना मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के लिए राशि आवंटित नहीं की  जाएगी ।इसका आसर प्रदेश में भी देखने में आ रहा है आब प्रदेश सरकार प्रदेश के हर जिले में मनरेगा लोकपाल नियुक्त  करने जा रही है ….

प्रदेश की शिवराज सरकार जल्द ही सभी जिलों में मनरेगा लोकपाल नियुक्त करने जा रही है !

जिसमे मनरेगा से जुड़ी सभी शिकायतों की सुनवाई होगी।लोकपाल का कार्यकाल दो वर्ष का रहेगा, जिसे दो बार एक-एक वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकेगा।

इसके लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है। लोकपाल सुनवाई के बाद शिकायत सही पाए जाने पर जांच रिपोर्ट सरकार को भी सौंपी जाएगी।

जानकारों के मुताबिक लोकपाल मजदूरी भुगतान, बेरोजगार भत्ते के भुगतान, काम की मांग, कार्य की गुणवत्ता, मशीनों के उपयोग, ठेकेदारों से काम लेने आदि शिकायतों पर सुनवाई का काम करेंगे और शिकायत सही पाए जाने पर कार्रवाई करने के लिए संबंधी को निर्देशित किया जाएगा और 15 दिन में इसका समाधान करना होगा। इसके तहत लोकपाल को किसी व्यक्ति को समन देने, शपथ पत्र पर साक्ष्य लेने, दस्तावेज प्रस्तुत करने, मौके पर जांच करने के निर्देश देने के अधिकार भी सौंपे जाएंगे।जांच के बाद वे रिपोर्ट सरकार को सौंप सकते है और अनुशासनात्मक या दंडात्मक कार्रवाई की सिफारिश भी कर सकते है।

सूत्रों के अनुसार मप्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (लोकपाल की नियुक्ति, शक्ति यां एवं कर्तव्य) नियम 2021 लागू किए हैं।इसके तहत लोक प्रशासन, विधि, अकादमिक, सामाजिक कार्य या प्रबंधन के क्षेत्र में कम से कम 10 साल के अनुभव वाले को लोकपाल नियुक्त किया जाएगा। हालांकि इसमें स्थानीय व्यक्ति या पड़ोसी जिले के व्यक्ति को प्राथमिकता दी जाएगी। वही अंतिम चयन पैनल में से किया जाएगा और इसका आम जनता से फीडबैक भी लिया जाएगा।