प्रत्याशी बदले जाने का फायदा किसको ..

त्वरित टिप्पणी ..

मध्य प्रदेश नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी ने 16 महापौर प्रत्याशियों में से 13 के नाम का ऐलान कर दिया है। बीजेपी ने रीवा और छिंदवाड़ा में स्थानीय नेताओं के विरोध के चलते प्रत्याशी बदल दिए तो इंदौर-ग्वालियर और रतलाम में नाम होल्ड कर दिए।

छिंदवाड़ा में जितेंद्र शाह की टिकट फाइनल होने के बाद ऐन वक्त पर काफी कशमकश के बाद नगर निगम के सहायक आयुक्त अनंत धुर्वे को भाजपा ने मेयर पद के लिए अधिकृत उम्मीदवार घोषित कर दिया है। आज दोपहर  प्रदेश कार्यालय से जारी हुई अधिकृत सूची के बाद अंनत के नाम पर मुहर लग गई है।

इसके साथ ही यह सिद्ध हो गया है की जिला भाजपा में सब कुछ ठीक नही चल रहा है ! यहाँ चुनाओं के ऐलान के साथ ही  गुटबाजी उभरकर आ गई है ! पूर्व मंत्री चन्द्रभान और विवेक साहू  (बंटी) के गुटों में बाटी भाजपा में सर फुत्ब्बल की स्थिति बनती नजर आ रही है ! भाजपा जिलाध्यक्ष पूर्व मंत्री के लोगो के चुन-चुन कर ठिकाने लगा रहे है !

वहीं चन्द्रभान गुट जिलाध्यक्ष को चैन से काम करने नही दे रहा है ! दोनों ही गुट के समर्थको के बीच शाह और मात का खेल चल रहा है !  कौन किस पर भारी पड जाय फिलहाल कहा नही जा सकता है ? परन्तु  मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए कोई भी यह अनुमान सहज ही लगा सकता है की इस तरह की गुटबाजी अपेक्षित परिणामो के लिए ठीक नही है ?

 

ज्ञात हो की  1 दिन पहले जितेंद्र शाह को भाजपा संगठन के द्वारा हरी झंडी दे दी गई थी लेकिन भाजपा जिला अध्यक्ष ने जितेंद्र शाह के नाम पर असहमति जताते हुए भोपाल में जाकर लॉबिंग की थी ! संगठन के नेताओं से चर्चा के बाद पूर्व मंत्री चौधरी चंद्रभान सिंह से सहमति के आधार पर आखिरकार संगठन ने अनंत का नाम फाइनल कर दिया। सूत्र बताते है की जितेंद्र शाह के लिए लाबिंग पूर्व मंत्री चन्द्रभान सिह ने ही की थी और छत्तीसगढ की राज्यपाल महामहिम सुश्री अनुसुइया उइके ने भी जितेन्द्र शाह के नाम पर सहमती जता दी थी ! जग जाहिर है कि जितेन्द्र शाह चौधरी चन्द्रभान गुट से बाबिस्ता रखते है !

 

चुनावों के ठीक पहले ही समाज विशेष में कद्दावर नेताओं को दरकिनार कर दो धडो में बंटा जाना किस को फायदा पहुंचाया जाएगा ये गुट्बाज नेता ही जाने ? हो सकता है की ये भाजपा के चुनाव प्रबंधन की रणनीति हो ?

जानकार बताते है की अनंत धुर्वे वर्तमान में नगर निगम में सहायक आयुक्त है और भी डेढ़ साल बाद रिटायर होने वाले हैं आदिवासी वोट बैंक में पकड़ और नगर निगम के कर्मचारियों से सीधे संवाद का फायदा भाजपा को मिल सकता है ऐसे तमाम बातों को लेकर भाजपा संगठन ने उन पर भरोसा जताया है।

छिंदवाड़ा में जितेंद्र शाह का नाम लगभग तय था। स्थानीय स्तर पर विरोध के कारण अनंत धुर्वे को टिकट दिया गया। पार्टी ने आदिवासी बाहुल क्षेत्र में पैठ को देखकर नाम तय किया है।जितेन्द्र शाह की सक्रियता क्षेत्र में न होकर राजधानी तक सीमित है यह प्रचारित कर उनका नाम काटकर अनंत धुर्वे को प्रत्याशी बनाया गया।

गौरतलब हो कि 1 दिन पहले भाजपा के प्रदेश संगठन के द्वारा जितेद्र शाह का नाम लगभग फाइनल कर दिया गया था लेकिन भाजपा जिला अध्यक्ष बंटी साहू ने उनके नाम की घोषणा होते ही इसका विरोध करते हुए तत्काल अपने खेमे के अन्य नेताओं के साथ भोपाल  में डेरा जमाये जाने की खबरे थी … खैर !

यहाँ तो भाजपा जिलाध्यक्ष की जीत ही कही जाएगी ! परन्तु असली विजय श्री तो महापौर के प्रत्याशी की जीत के साथ निगम में सरकार बनाना होगा ..?  राकेश प्रजापति