पी सी ओ 5000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार ..

आये दिन प्रदेश में रिश्वतखोरी में प्रदेश की जाँच एजेंसिया किसी न किसी भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारी को धारदबोच रही है ! बाबजूद इसके प्रदेश से न तो भ्रष्टाचार और न ही भ्रष्टाचारियों की संख्या काम हो रही है ? अब सवाल उठता है की ऐसा क्या है जो प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था को खोखला कर रही है ! कार्यवाही भी हो रही है परन्तु संख्या में कमी नजर नही आती है ! 

प्रदेश के मुख्य मंत्री में आपराधियों के खिलाफ बुलडोजर अभियान छेड़ रखा है ! जानकार बताते है की इसका असर अपराधियों पर पड़ा है ! वे मानसिक रूप से भयग्रस्त है ! परन्तु जुल्म की दुनिया में एक्जिट (निकासी) गेट नही होता है ! इसकी बजह से बुलडोजर अभियान का असर हमें आने बाले समय ने नजर आयेगा ! ऐसा विशेषज्ञों का मानना है ! 

मुख्यमंत्री की मंशा प्रदेश से अपराधो का सफाया करने का है ! इसी तरह का अभियान भ्रष्टाचारियो की संपत्ति पर भी बुलडोजर चलने लगे तो जरुर है की भ्रष्टाचारियो में खौफ पैदा हो जाएगा और इसके सुखद परिणाम हमे जल्द ही परिलक्षित होने लगेंगे ! आप भी सोचियेगा ..? राकेश प्रजापति 

प्रदेश में भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। सिंगरौली जिले के देवसर जनपद पंचायत में पदस्थ पंचायत समन्वयक अधिकारी को रीवा लोकायुक्त  ने ₹5000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।

ज्ञात हो कि पंचायत समन्वयक अधिकारी को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की राशि स्वीकृत करने के लिए फील्ड निरीक्षण के मामले में रिश्वत की मांग की जा रही थी। हालांकि कार्रवाई पूरी होने के बाद पंचायत समन्वयक अधिकारी को जमानत पर रिहा कर दिया गया है ..

लोकायुक्त एसपी गोपाल धाकड़ की माने विनीत गौतम द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिसमें कहा गया था कि जनपद पंचायत देवसर में पदस्थ पंचायत समन्वयक अधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री कल्याण योजना की राशि स्वीकृत करने के लिए फील्ड निरीक्षण करना था। जिसे एवज में उससे ₹5000 रिश्वत की मांग की गई थी। शिकायत को सही पाए जाने के बाद लोकायुक्त द्वारा मंगलवार को आरोपी को पकड़ने के लिए प्लान तैयार किया गया।

वही पीड़ित को रिश्वत की रकम के साथ पंचायत समन्वयक अधिकारी के पास भेजा गया। पीड़ित द्वारा रिश्वत की राशि लेकर अपने दराज में रखी गई थी। जिसके बाद पंचायत समन्वयक अधिकारी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं कार्रवाई पूरी हो जाने के बाद उसे रिहा कर दिया गया है।