पिंजरे से बाघ फरार ,घंटों बाद हिरणों के बाड़े में आराम फरमाता मिला ..

प्रदेश की राजधानी में उस समय दहशत फैल गई, जब वन विहार नेशनल पार्क में बाड़े से बाघ गायब हो गया । वन विभाग ने तत्काल सक्रियता दिखाई और बाघ देखने पहुंचे पर्यटकों को बाहर निकाला । अधिकारियों ने बताया कि शौर्य नामक बाघ अपने बाड़े से बाहर निकल गया था । छह से सात साल का यह बाघ करीब छह घंटे तक अपने बाड़े से बाहर रहा । घंटो की खोजबीन के बाद बाध को खोजने के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने उसे ट्रैंकुलाइजर गन से बेहोश किया और फिर उसे उसके बाड़े में छोड़ दिया गया  । उसके बाद वनाधिकारियों ने चैन की साँस ली  !

आज सुबह जब वन विहार में बाड़े से बाघ के गायब होने की सूचना मिलने के बाद वनाधिकारियों की सांसो हलक में अटक गई । पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया ।

वन विहार के डायरेक्टर एचसी गुप्ता ने एक बयान जारी कर बताया कि बाघ अपने बाड़े से गायब हो गया था। बाघ वन विहार से बाहर न निकल जाए, इसके लिए कई टीमों को तैनात किया गया । वन विहार के दोनों ही गेट बंद कर दिए गए । सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया और एक टीम को बाघ हिरणों के बाड़े में पेड़ के नीचे बाघ सोता मिला ।

नेशनल पार्क के वेटरनरी डॉ. अतुल गुप्ता और एक टीम ने बाघ को बेहोश किया और उसे उसके बाड़े में शिफ्ट किया गया। 

 
जानकारों के मुताबिक़ वन बिहार के गेट कीपर ने भूल से दरवाजा खुला छोड़ दिया था, जिससे बाघ बाहर निकल आया। शौर्य को पिछले साल 13 जनवरी को हरदा से रेस्क्यू किया गया था। बाघ घायल था । उसे वन विहार रेस्क्यू सेंटर में ट्रीटमेंट के बाद मार्च में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में छोड़ा गया था । हालांकि पिछले साल ही जून में उसे फिर वन विहार लाया गया था। अधिकारियों के मुताबिक वह छह घंटे तक अपने बाड़े से बाहर रहा ।

वन विहार में मॉर्निंग वॉक और साइकिलिंग के लिए भी लोग जाते हैं । इस दौरान गंभीर हादसा भी हो सकता था । अंततः बाघ के पकड़े जाने के बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली।और इसी के साथ अनहोनी की संभावनाओं पर से विराम हट गया ! मिडिया रिपोर्ट