पालिटेक्निक कालेज प्राचार्य की हिट्लरशाही ….

रायसेन पालिटेक्निक कालेज के प्रिंसिपल की मनमानी,नियमो को ताक में रखकर कर रहे कॉलेज का संचालन , लगता है प्रदेश में चल रहे तकनिकी महाविद्यालयों में मनमानी का दौर चल रहा है ! भोपाल में बैठे विभागीय नौकरशाहो ने पूरे विभाग की मिट्ठी पलीत कर दी है ! विभागीय मंत्री तक बाते पहुचती ही नहीं है या फिर पहुचने ही नही दिया जाता ,सबने जियो और जीने दो की तर्ज पर पैसा लूटो और लूटने दो की तर्ज पर इस विभाग को छोड़ दिया है ! तभी तो जिलो में संचालित महाविद्यालयों के प्राचार्य मनमानी पर उतारू हो गए है ! ऐसा ही कुछ दिन और चलता रहा तो जनता ही इन नाकाराओं को उतार देगी ! मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस पर संज्ञान लेना होगा , क्योकि जबाब भी उन्हें ही देना होगा … रायसेन से दीपक कांकर की रिपोर्ट 

इन दिनों रायसेन जिला मुख्यालय का पॉलिटेक्निक कालेज सुर्ख़ियो में है। यहां के प्रिंसिपल मनमाने तरीके से नियमो को ताक में रखकर कॉलेज का संचालन कर रहे है।प्रिंसिपल के कार्यकलापों से जहां कॉलेज का स्टाफ परेशान है वही छात्र भी उनके मनमाने निर्णयों से सकते है।हाल यह है कि प्रिंसिपल के इन अविवेकपूर्ण निर्णयों के खामियाजा दूरस्थ शहरों से आये छात्र उठा रहे है।। यहां फिजिक्स,केमिस्ट्री और आईटीसी जैसे विषय के नियमित प्रोफेसर नही है।जिससे छात्रों की पिछले तीन सालों से पढ़ाई अवरुद्ध हो रही है।लेकिन कालेज प्रिंसिपल का इस और कोई ध्यान नही है।

ताजा मामला पॉलिटेक्निक कालेज में बच्चो को पढ़ाने को लेकर गेस्ट फेकल्टी नियुक्त करने का है। वर्ष 2018 से रायसेन के इस चर्चित पॉलिटेक्निक कालेज में फिजिक्स,केमेस्ट्री और आईटीसी जैसे महत्वपूर्ण विषय में गेस्ट फेकल्टी की नियुक्ति ही नही की गई है।जबकि नियम यह है कि रिक्त स्थानों पर प्रिंसिपल को अतिथि विद्वान शिक्षकों की नियुक्ति करना थी।लेकिन अपनी कार्यप्रणाली के लिए चर्चित यहां के प्रिंसिपल ने अपने कुछ चहेते लोगो को जो इन विषयों के बारे में जानते भी नही है को फायदा पहुंचाते हुए उनसे इन विषयों की पढ़ाई करबाई जा रही है।पोलिटिनिक कालेज के प्रिंसिपल का यह निर्णय साफ तौर पर यह इशारा करता है कि उन्हें न तो छात्रों के भविष्य की चिंता है और न ही उनकी अच्छी शिक्षा से कोई लेना देना ही है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि पॉलिटेक्निक कालेज में छात्रों से नियम विरूद्ध लेट फीस भी ली जा रही है।जबकि लेट फीस लेने का प्रावधान ही नही है।कोरोना काल दे अभी तक प्रिंसिपल द्वारा एक हजसर रुपए तक लेट फीस छात्रों से बसूली गई जो चर्चा का विषय तो है ही जांच का भी विषय है।