निकायों में भवन अनुज्ञा के प्रकरणों में 30% कंपाउंडिंग का लाभ ..

प्रदेश में आज 15 जनवरी 2022 से 31 जनवरी 2022 तक नगरीय निकायों में भवन अनुज्ञा के प्रकरणों में नागरिकों को प्रशमन (कंपाउंडिंग) का लाभ दिलाने के लिए विशेष अभियान चलाया जायेगा। इसके द्वारा मप्र शासन द्वारा प्रशमन की सीमा 30 प्रतिशत किये जाने का लाभ दिया जाएगा।इस अभियान के नोडल अधिकारी देवेन्द्र व्यास, सहायक संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास एवं नियंत्रणकर्ता अधिकारी गजेन्द्र नागेश, अपर आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास रहेंगे….

आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने जानकारी दी है कि मप्र शासन की इस सुविधा का लाभ नागरिक ले रहे हैं। इससे नगरीय निकायों को प्रशमन शुल्क के रूप में अब तक 62 करोड़ से अधिक की राशि प्राप्त हो चुकी है। टाइप-1 (भवन अनुज्ञा से अधिक निर्माण) प्रकार के प्रकरणों में भवन स्वामियों के ऑनलाइन आवेदन अपेक्षित होते हैं और आवेदक द्वारा सेल्फ एसेसमेंट कर प्रशमन शुल्क जमा किया जाता है। इसमें इन्दौर नगर निगम द्वारा उल्लेखनीय कार्य किया गया है। भोपाल नगर निगम के द्वारा भी इस दिशा में अच्छे प्रयास किये गये हैं।

नगरीय निकायों द्वारा टाइप-2 (भवन अनुज्ञा के बिना निर्माण) प्रकार के प्रकरणों में प्रशमन की प्रगति काफी कम है। जबकि ऐसे प्रकरणों में निकायों की स्पष्ट सहभागिता है और यह प्रकरण निकाय द्वारा ही तैयार किए जाते हैं। इसमें उल्लेखनीय कार्य ने होने से संबंधित नगरीय निकायों को त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं।वही नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने अपील की है कि नागरिक 28 फरवरी 2022 तक आवेदन करने पर प्रशमन शुल्क में मिलने वाली 20 प्रतिशत छूट का लाभ ले सकते है।

प्रशमन शुल्क में 20 प्रतिशत की छूट केवल 28 फरवरी 2022 तक आवेदन करने वाले प्रकरणों पर ही लागू होगी। अतः समस्त नगरीय निकायों को निर्देशित किया गया है कि 31 जनवरी 2022 तक विशेष अभियान चलाकर अधिक से अधिक भवन स्वामियों को प्रशमन कराने के लिए पोस्टर मुनादी, विज्ञापन नोटिस इत्यादी के माध्यम से प्रशमन शुल्क में छूट का लाभ प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करें। साथ ही निकाय में उपलब्ध टाइप-2 (भवन अनुज्ञा के बिना निर्माण) प्रकरणों के प्रशमन की कार्यवाही भी निर्धारित तिथि तक पूरी करना सुनिश्चित करें ताकि ऐसे प्रकरणों में भी भवन स्वामियों को छूट का लाभ प्राप्त हो सके।