“जो पसीने से नहाते हैं, वे इतिहास रचते हैं”: डॉ. सिंह

साहित्य का दर्शन मानव की कमजोरियों का पहरेदार होता है”: डॉ. सिंह ,  “जिस व्यक्ति पर जग हसता है, वो ही इतिहास रचता है”: डॉ. सिंह

 शासकीय महाविद्यालय चांद के मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. अमर सिंह ने पूना विश्वविद्यालय से संबद्ध श्रीमती पुष्पाताई महिला महाविद्यालय मालेगांव के अंग्रेजी विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय वेबीनार में प्रमुख वक्ता के रूप में कोविड महामारी की परिस्थिति में बदलते साहित्यिक परिप्रेक्ष्य विषय पर प्रेरक व्याख्यान दिया। डॉ. सिंह ने कहा कि साहित्य किसी भी त्रासदी से जूझने के लिए मानव को पर्याप्त साहस, संकल्प व हौसला देता है। साहित्य हमें हमेशा सारथी बनाता है, स्वार्थी नहीं। साहित्य का दर्शन मानव की कमजोरियों का पहरेदार होता है। जो पसीने से नहाते हैं वे इतिहास रचते हैं। जिस व्यक्ति पर जग हसता है वही इतिहास रचता है। बुद्धिमान होने की एक सीमा है पर मूर्ख होने की नहीं। मुसीबतों की इतनी औकात कभी नहीं होती कि जुनून को रोक दे। जो लोग तार्किक नहीं बनते, उनकी जिंदगी नार्किक बन जाती है। जिनका इरादा ऊंची उड़ान का होता है वे आसमान नहीं नापते हैं। जो लोग निर्णय लेने में ज्यादा समय लगाते हैं, उनके बारे में समय खुद तय कर लेता है कि उनका क्या करना है। हमें जिंदगी का किरदार इतनी शिद्दत से निभाना चाहिए कि परदा गिरने के बाद भी तालियां बजती रहें।

ज्ञात हो की बीते दिनों डॉ. अमर सिंह  को अमरावती विश्वविद्यालय महाराष्ट्र के वाइस चांसलर द्वारा  अंग्रेजी के एसोसिएट प्रोफेसर से प्रोफेसर में प्रमोशन हेतु बनाई गई चयन समिति में विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त किया गया है ! बहुमुखी प्रतिभा  धनी डॉ. अमर सिंह की इस सफलता पर सम्पूर्ण जिले बासी अपने आप को गौरान्वित महसूस करने के साथ साथ उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते है !