चॉंद के दीदार होते ही खोला व्रत ….

करवा चौथ का व्रत हर्षोल्लास के साथ मनाया ,पति की लम्बी उम्र के लिए रखा जाता है व्रत ….

जिले भर में करवा चौथ व्रत बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। महिलाओं नें अपने पति की लम्बी उम्र के लिए सुबह से निर्जला व्रत रखकर चौथ के चॉंद का दीदार कर, पति के हाथों जल ग्रहण करके करवा चौथ मनाया।
वैसे जिले का पंदुर्ना और सौंसर मराठीभाषी क्षेत्र होने से यहाँ की लोक संस्कृति और परम्पराओं में अंतर देखने को मिलता है ,परन्तु बर्षो से रिती रिवाज और परम्पराओ  को मिल जुलकर मानाने की नेकनीयती ने सभी को अपने आप में समाहित कर लिया है ! अब यहाँ क्षेत्र ,प्रदेश और बोलियों,पहनावे ,परम्पराओ के साथ-साथ रीती निति से भी बढकर आपसी प्रेम और भाई चारे के त्यौहार मनाने की आदत सी बन गई है ….

यह क्षेत्र मध्यप्रदेश में स्थित होने तथा महाराष्ट्र सीमावर्ती होने के साथ-साथ महाराष्ट्रीयन संस्कृति से सामाजिक, पारिवारिक संबंध एवं मराठी भाषी होने से यहां करवा चौथ व्रत भी मनाया जाता हैं और महाराष्ट्रीयन परंपरा अनुसार हरितालिका तीज भी मनाई जाती हैं।
करवा चौथ का व्रत विवाहित सुहागन महिलाओं नें सुबह से निर्जला व्रत रखा तथा शाम को चंद्रदर्शन के साथ पति के हाथों जल ग्रहण कर व्रत पूर्ण किया।

शासकीय हाईस्कूल रझाड़ी पिपला की प्रिंसिपल श्रीमती ममता वंजारी ने बताया कि, हम मध्यप्रदेश के मूलनिवासी होने के साथ-साथ महाराष्ट्रीयन संस्कृति के मराठी भाषी लोग हैं। किंतु मेरे पापा म.प्र. पुलिस में सेवारत होने के कारण हमारा परिवार मध्यप्रदेश के विभिन्न स्थानों पर निवासरत रहा। मैं बचपन में पुलिस लाइन निवासरत महिलाओं द्वारा करवा चौथ व्रत करते हुए देख मेरे भी मन में यह व्रत करने की इच्छा थी। मैं अपनी शादी के बाद से यह व्रत प्रतिवर्ष करतीं हूॅं।
श्रीमती ममता वंजारी
प्रिंसिपल, शासकीय हाईस्कूल रझाड़ी पिपला

अ. भा. कोष्टा-कोष्टी समाज की राष्ट्रीय कार्डिनेटर श्रीमती संगीता बर्वे ने बताया कि, भारतीय संस्कृति की उत्कृष्ट परंपरा के निर्वहन तथा पति की लम्बी उम्र के लिए यह करवा चौथ व्रत किया हैं।
श्रीमती संगीता बर्वे
राष्ट्रीय कार्डिनेटर, अ.भा. कोष्टा कोष्टी समाज