चिंतन से प्रदेश चिंता में ! क्या फिर शुरू होगा नकली गिलट आभूषणों का युग -कांग्रेस

मध्यप्रदेश में सरकारी महामंथन में करोड़ों रुपए फूंकने के बाद भ्रष्टाचारी प्रशासन के लिए अमृत की बूंदें निकलनी शुरू हो गई हैं। सरकार ने फैसला लिया है कि अब कन्या विवाह योजना में नगद अनुदान देने की बजाय सरकार खुद ही दहेज का सामान देगी। इस फैसले से फर्जी शादियां करवाने वाले अफसरों की बांछें खिल गई है ।अब फिर से चांदी के आभूषणों के नाम पर नकली गिलट के आभूषण और सस्ते बर्तनों का कुटिल युग लौट आएगा ।जिस पर कमलनाथ सरकार ने रोक लगाई थी….

प्रदेश कांग्रेस के मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री से सवाल किया है क्या ऐसे ही फैसले लेने के लिए चिंतन बैठक का आयोजन किया गया था और करोड़ों रुपए फूंके गए हैं।

गुप्ता ने कहा मध्यप्रदेश में 30 लाख 23 हजार पढ़े लिखे बेरोजगार सड़कों पर घूम रहे हैं। उन्हीं के ऊपर जिम्मेवारी है कि वे अपने बूढ़े मां बाप का पेट भरें। उनके जीवन को सुरक्षित रखें। इन बच्चों के हाथ काट कर सरकार उनके बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन करवा कर क्या करना चाहती है ?

सरकार से गुप्ता ने अपील की कि इन नौजवान बेरोजगारों के हाथ में काम दीजिए कमाई होगी तो यह नौजवान खुद अपने मां बाप को तीर्थ दर्शन करा देंगे । तीर्थ दर्शन के नाम पर भाजपा की 16 साल की सरकार में किस तरह से अफसरों के मां बाप ने तीर्थ दर्शन का लाभ उठाया है यह सब जानते हैं। क्या इसी दुरुपयोग को फिर चालू किया जाएगा ।

गुप्ता ने कहा कि क्या टाईल्स,दुकानों के स्थापना प्रमाण पत्र,और वाहनों पर पीएम और सीएम की तस्वीर छापने का फैसला लेने के लिये क्या पचमढ़ी की ठंडक जरूरी है।क्या इन फैसलों से प्रदेश विकास के रास्ते पर जायेगा? क्या इससे श्रम पोर्टल पर पंजीकृत मध्यप्रदेश के एक करोड़ 21लाख लोगों को रोजगार मिल जायेगा।

सरकारी धन से पिकनिक मनाने और कश्मीर जाकर फिल्म देखने से प्रदेश का विकास कैसे होगा इस पर शिवराज जी को प्रकाश डालना चाहिये।