चाँद में “नेतृत्व दक्षता से राष्ट्रसेवा एवं संतुलित जीवन प्रबंधन” पर कार्यशाला

चांद कॉलेज में रा. से. यो. के स्थापना दिवस पर “नेतृत्व दक्षता से राष्ट्रसेवा एवं संतुलित जीवन प्रबंधन” विषय पर आयोजित स्वयंसेवक उन्मुखीकरण कार्यशाला में प्रमुख वक्ता बतौर बोलते हुए प्रेरक वक्ता प्रो.अमर सिंह ने कहा कि रासेयो दक्षता निर्माण से राष्ट्रसेवा की आहुति है। निश्वार्थ सेवा दिव्य शक्तियों का सोपान होती है। छात्र न्यूनतम साधनों से अधिकतम उपलब्धि के वाहकबने।महात्मा गांधी के वैचारिक आदर्शों से प्रेरित एवं विवेकानंद के युवा दर्शन से अभिभूत रासेयो का “मैं नहीं, तुम” रा.से.यो. की श्रम आधारित रचनात्मक, बौद्धिक और सांस्कृतिक गतिविधियां छात्रों को बहुआयामी व्यक्तित्व के विकास हेतु सभी अपेक्षित कौशल से विभूषित करती हैं।

प्राचार्य प्रो.डी.के. गुप्ता ने कहा कि उत्कृष्टता हेतु जिस जुनून, जिज्ञासा, जिजीविषा एवं संप्रेषण पारंगतता की जरूरत होती है, वे सब नवीन विचारों की खोज, प्रगतिशील दृष्टि, कृतज्ञता भाव और यथार्थ की स्वीकार्यता के रूप में इस मंच के नीचे नैसर्गिक रूप से परिमार्जित होते हैं। कार्यक्रम अधिकारी प्रो. राजकुमार पहाड़े ने कहा कि करुणा, सहानुभूति, साहस और तुरंत निर्णय लेने जैसी दुर्लभ काबिलियत के गुणों की पौधरोपण छात्र जीवन से शुरू करना रासेयो के केंद्रीय उद्देश्यों में निहित है।

प्रो.रजनी कवरेती ने अपने उद्बोधन में कहा कि समुदाय की ज्वलंत समस्याओं के प्रति मुखर होकर लक्ष्यपरक समाधान करना राष्ट्रसेवा की मिसाल से स्वयं के व्यक्तित्व को मांजना रासेयो की मूलभावना है। प्रो.शक्ति सिंगारे ने कहा कि छात्र चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अनुकूलन बैठाना, सूक्ष्म प्रबंधन, द्वंद्व समाधान, ऊर्जा का समुचित प्रयोग व सकारात्मक तरीके से न्यूनतम संसाधनों से अधिकतम उपलब्धियां हासिल करने जैसी खूबियों से स्वाभाविक रूप से परिचित हो जाते हैं। प्रो.विनोद शेंडे ने कहा कि आपातकालीन स्थिति संभालना, राष्ट्रीय एकता अखंडता हेतु सामाजिक समरसता बरकरार रखना, प्राकृतिक आपदा सहायता एवं समावेशी प्रतिभागिता सुनिश्चित करने जैसी कई दिव्य शक्तियों की सौंदर्य खूबी रासेयो के मंचों से मिल जाती है। समारोह में कॉलेज के सभी छात्रों ने श्रमदान, वृक्षारोपण और शैक्षिक प्रस्तुतियां दीं।