खाद के लिए लाइनों में किसान परिवार , बेखबर शासन ,प्रशासन ….

शिवराज की भाजपा सरकार को किसाने की अनदेखी बहुत भारी पड़ने बाली है ! इसके परिणाम हमें भविष्य में देखने को मिलेंगे ? लगातार शिवराज सरकार में किसानो को सिर्फ बादों के अलाबा कुछ नही मिला है ? जनाब प्रदेश का किसान जी तोड़ मेहनत कर अनाज उत्पन्न करता है और सरकार इसमे अपनी झूठी बाहबाही बटोरने में कोई कोरकसर नही छोडती है ? बदले में किसान को वक्त पर खाद ,बीज और बिजली नही मिल रही , किसान भाई रात-रात भर अपने खेतों में पानी बगाने का काम करता है और सुबह से खाद पाने के लिए लाइनों में लगा रहा है, इतना ही नही किसानो की माँ ,बहन बेटियों के आलाब मासूम बच्चे भी लाइनों में बैठे साफ़ दिख रहे है ,बाबजूद इसके शिवराज के निकम्मे नौकरशाहों को इसकी कोई परवाह नही है ….

प्रदेश भर में किसानों को हो रही खाद की किल्लत को लेकर प्रशासन बेखबर बना हुआ है। एक तरफ देखा जाए तो प्रशासन की तरफ से किसानों के लिए बड़े-बड़े वादे किए जा रहे हैं तो वहीं मुरैना में सोमवार सुबह का दृश्य साफ तौर पर प्रशासन के सारे वादों की पोल खोलता दिख रहा है। दरअसल मुरैना सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के गल्ला मंडी परिसर में बीती रात से ही खाद के लिए किसान अपने परिवार के साथ लम्बी लाइनों में बैठे हुए हैं।

जानकारी के अनुसारआज सोमवार सुबह से ही गल्ला मंडी परिसर में किसान लंबी कतारों में लगे खाद मिलने की आस में बैठे हुए हैं। तो वहीं प्रशासन की लापरवाही भी देखी गई। यहां पुलिस प्रशासन का कोई भी कर्मचारी मौके पर मौजूद नहीं था। लंबी कतारों को लेकर कई लोगों से विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई, लेकिन प्रशासन मौके पर नहीं पहुंचा। खाद की किल्लत को लेकर किसान रात से ही अपने नंबर पर बैठे हुए हैं और उनके साथ-साथ महिला किसान भी अपने छोटे बच्चों को लेकर खाद की आस लगाए बैठी हैं, लेकिन हर रोज नंबर पर आने के बाद उनको खाद नसीब नहीं हो पा रहा है। सुबह से लेकर शाम तक किसान खाद के इंतजार में बैठ कर वापस अपने घर चले जाते हैं।

सर्दी के मौसम में सुबह से ही किसान खाद के लिए इंतजार में बैठे हुए हैं। इससे पहले भी प्रशासन के द्वारा खाद की किल्लत को खत्म करने के लिए काफी संख्या में खाद की रैक मंगाई गई थी, लेकिन कुछ दिनों बाद इसकी मारा-मारी की स्थिति फिर से उत्पन्न हो गई। खाद के लिए लंबी कतारों में मासूम बच्चे भी अपने परिवार के साथ आस लगाए बैठे हुए हैं कि कब उनको खाद मिलेगा जिससे अपने परिवार के साथ घर जा सकेंगे।