खराब दौर से गुजर रहे भारत-चीन के रिश्ते : विदेश मंत्री

पिछले दो दोनों से कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार की जमकर भद्द पिट रही है ! समाज का हर एक वर्ग के निशाने पर मोदी सरकार है ! इसी बीच आज अचानक विदेश मंत्री ने समने आकर भारत चीन के रिश्तो का प्रगटीकरण किया जिसे लेकर भी सोसल मिडिया में चर्चा गर्म है की भाजपा ने फिर राष्ट्रवाद के कार्ड फेककर जनता का ध्यान बांटने का काम कर रही है !  भारत और चीन के बीच लंबे समय से चली आ रही तनानती के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि भारत अपने रुख को बहुत ही स्पष्ट तरीके से चीन के सामने रख चुका है, मुझे नहीं लगता कि द्विपक्षीय रिश्तों को लेकर चीन को अब भारत के रुख पर कोई संदेह होना चाहिए। 

सिंगापुर में न्यू इकोनॉमिक फोरम में अपने बात रखते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि दोनों देशों के बीच दि्वपक्षीय संबंधों को लेकर चीन को इस बात पर कोई संदेह है कि भारत का रुख क्या है और इसमें क्या सही नहीं है। जैसा कि आपको पता है कि मैं बहुत ही स्पष्ट तौर पर बोलता हूं, इसलिए मैं अपने समकक्ष वांग यी से भी कई बार मिलकर स्पष्ट तौर पर अपनी बात रख चुका हूं। इसलिए स्पष्टता की कहीं पर कोई कमी नहीं है। अगर वे इस बात को सुन सकते हैं, तो मुझे यकीन है कि उन्होंने इसे जरूर सुना होगा।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन के रिश्ते बहुत ही खराब दौर से गुजर रहे हैं। यह बीजिंग की ओर से की गई कार्रवाईयों की वजह से है। दो पड़ोसी देशों के बीच समझौते के उल्लंघन की वजह से हुआ है। इसलिए उनके पास कोई विश्वसनीय स्पष्टीकरण नहीं है, जिस पर हम भरोसा कर सकें। विदेश मंत्री ने कहा कि हमें फिर से सोचने की जरूरत है कि हम अपने रिश्तों को कहां ले जाना चाहते हैं, लेकिन इस बार जवाब उन्हें देना है।

विदेश मंत्री ने भारत और अमेरिका के रिश्तों पर बात करते हुए कहा कि अमेरिका अपने वैश्विक नियमों में लचीलापन लाया है, वह एक अच्छा भागीदार है। वह विचारों, सुझावों और नए समझौतों का स्वागत करता है।