कोरोना के साथ मौत का काकटेल..

प्रदेश के 29 जिलो में कोरोना वायरस की भयावहता के चलते टोटल लॉक डाउन के आदेश जारी कर दिए है ! इसमे हमारा छिन्दवाडा जिला भी है ! परन्तु छिन्दवाडा जिले के आलाधिकारियो को लगता है की शराब के सेवन से महामारी का कोई प्रभाव नही पड़ता है ? शयद इसलिए जहाँ सम्पूर्ण जिले में शापिंग मॉल, स्कूल, कॉलेज, ऑफिस आगामी 31 तक के लिए बंद करने के आदेश जारी किये गए है ! लेकिन शराब दुकानें सिर्फ आज के दिन (23मार्च ) बंद करने का आदेश जिला प्रशासन ने जारी किये है , हमने शराब ठेकेदारों से बात की तो उनका कहना है की हमे बंद का अभी तक कोई आदेश प्राप्त नही हुआ है ..तो क्या हमे कल से कोरोना वायरस के साथ मौत का काकटेल देखने को मिलेगा ?

इसका मतलब कल भोर होने के साथ ही देशी-विदेशी शराब दुकानों के शटर खुल जायेगे और फिर वही से होगा महामारी का फैलाव ? कफन की ओट में मौत के जाम छलकेंगे..?  आखिर इसका जिम्मेदार कौन होगा ? मदिरा प्रेमी या जिला प्रशासन या फिर प्रदेश सरकार ? आखिर जिम्मेदारी तो तय होनी ही चाहिए ?  

बात राजनेताओं की समझ में आती है की वे व्यस्त है सरकार बनाने में ? परन्तु जिम्मेदारी जिन हाथो में है वे मूक दर्शक वन सरकार की डिलेवरी के जश्न मना रहे है ? उन्हें इससे मतलब नही की जनता मरे तो मरे , कुछ ही देर में नोकरशाहो के मालिक बदल जायेंगे ? शायद वे नई जिम्मेदारी में अपनी भूमिका की तलाश कर रहे हो , इसलिए कर्तव्यबोध का अहसास कहीं खो गया है ?

लॉक डाउन के आदेश में भी इस बात का उल्लेख नहीं है ! शराब दुकान बंद करने के सम्बन्ध में , खबरद्वार ने आबकारी अधिकारी श्री जामोद से बात की उन्होंने बताया की उन्हें जिला कलेक्टर के माध्यम से सिर्फ आज के ही दिन शुष्क डे आदेश दिए गए थे , अभी आपने ध्यान दिलाया है तो कल सुबह होने के पहले मेरे द्वारा जिला प्रशासन का ध्यान आक्रष्ट करा दिया जाएगा ? निर्णय जिला प्रशासन को करना है ?