कश्मीर और महात्मा गांधी को लेकर विवादित प्रश्न ..

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के अध्यक्ष श्री के. के. मिश्रा एवं प्रवक्ताद्वय श्री मिथुन अहिरवार एवं श्री आनंद जाट का संयुक्त बयान ..भारतीय जनता पार्टी की सोच सदा से ही देश विरोधी रही है। भाजपा जब सत्ता में रहती है या विपक्ष में रहती है तब इस तरह के मुद्दों को बराबर हवा देती रहती है, जिससे राष्ट्रहित को नुकसान पहुंचे। ताजा मामला मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा बीते 19 जून 2022 को आयोजित एमपीपीएससी-21 की प्राथमिक परीक्षा में पूछे गए आपत्तिजनक सवालों को लेकर है..परीक्षा के द्वितीय प्रश्न पत्र सेट डी के प्रश्न क्रमांक 31 में पूछा गया है:- क्या भारत को कश्मीर को पाकिस्तान को देने का निर्णय कर लेना चाहिए ? इस वैकल्पिक प्रश्न के उत्तर के लिए जो तर्क दिए हैं उनमें पहला है – हां इससे भारत का बहुत सा धन बचेगा। दूसरा तर्क है- नहीं ऐसे निर्णय से इसी तरह की और भी मांगे बढ़ जाएंगी।

कांग्रेस पार्टी सवाल पूछना चाहती है कि यह प्रश्न पूछने से पहले एमपीपीएससी ने केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार से पूरा परामर्श कर लिया था या नहीं। कांग्रेस पार्टी स्पष्ट रूप से जानती है कि कश्मीर को लेकर भारतीय जनता पार्टी की नीति श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जमाने से आज तक राष्ट्र विरोधी रही है।

कांग्रेस पार्टी की सरकारों ने हमेशा से यह बात स्पष्ट की है कि ना सिर्फ कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, बल्कि पाकिस्तान के अधिकार वाला कश्मीर भी भारत का अभिन्न हिस्सा है।
कांग्रेस पार्टी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूछना चाहती है कि आखिर एमपीपीएससी के दिमाग में ऐसी देश विरोधी बात आई कैसे।

यदि इस प्रश्न पत्र को बनाने में उनका हाथ नहीं है तो उनकी सरकार अबिलंब इस तरह का प्रश्न पूछने के दोषियों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करें और सख्त से सख्त कार्रवाई करें।

 

कांग्रेस पार्टी शिवराज सिंह चौहान सरकार से दूसरा सवाल यह पूछना चाहती है कि प्रश्नपत्र के इसी सेट में प्रश्न क्रमांक 26 से 30 के लिए दिए गए गद्यांश में महात्मा गांधी के विषय में आपत्तिजनक बातें कही गई हैं। महात्मा गांधी ने भारत को आजाद कराया वह हमारे देश के राष्ट्रपिता हैं, पूरा संसार उनके जन्मदिवस पर विश्व अहिंसा दिवस मनाता है लेकिन महात्मा गांधी के इतने महान व्यक्तित्व और कृतित्व पर सवाल पूछने की जगह कुत्तों की हत्या और नसबंदी के बारे में जुड़ा सवाल पूछा गया और उसमें बिना किसी संदर्भ का उल्लेख किए

महात्मा गांधी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की गई।
भाजपा ने अपनी महात्मा गांधी विरोधी सोच को एक बार फिर से उजागर किया। कांग्रेस पार्टी जानना चाहती है कि क्या इस तरह का प्रश्न भोपाल की महात्मा गांधी विरोधी सांसद प्रज्ञा ठाकुर के कहने पर जोड़ा गया है।
कांग्रेस पार्टी सवाल करती है कि आखिर क्या वजह है कि जहां-जहां भारतीय जनता पार्टी सरकार में होती हैं वहां पर वहां वहां पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान करने का कोई मौका नहीं छोड़ा जाता। वर्ष 2019 में गुजरात में भी नवमीं कक्षा के प्रश्न पत्र में पूछा गया था कि

 

महात्मा गांधी ने आत्महत्या कैसे की?
भारतीय जनता पार्टी पूरे शिक्षा तंत्र को सांप्रदायिक रंग में रंगने की कोशिश कर रही है और भारत की आजादी में महान योगदान देने वाले महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और डॉ. भीमराव अंबेडकर की स्मृतियों को मिटाने की कोशिश कर रही है।
इसी क्रम में कांग्रेस पार्टी इसी प्रश्न पत्र से एक तीसरे सवाल पर भी सरकार से जवाब चाहती है। अभी कुछ दिन पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ ने रिपोर्ट जारी करके कहा था कि भारत में कोरोना से 45 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हुई। मोदी सरकार और अन्य प्रदेश की भाजपा सरकारों ने तत्काल डब्ल्यूएचओ की इस रिपोर्ट को खारिज किया और ऐसा संकेत दिया कि डब्ल्यूएचओ किसी दूसरे देश के इशारे पर काम कर रहा है।

 

हम सरकार से पूछना चाहते हैं कि क्या सरकार ने यह बयान सिर्फ अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए दिया था या इसके पीछे कोई तथ्यात्मक आधार भी था। अगर तथ्यात्मक आधार था तो फिर एमपीपीएससी की परीक्षा में प्रश्न क्रमांक 47 पर डब्ल्यूएचओ की स्थापना की तारीख क्यों पूछी गई है। जिस संस्थान की रिपोर्ट को सरकार मानती नहीं हैं और जिस संस्थान की निष्पक्षता पर भारत सरकार को शक है आखिर मध्य प्रदेश सरकार क्यों चाहती है कि मध्य प्रदेश के भावी प्रशासक उस संस्था के बारे में और उसकी स्थापना के बारे में विस्तार से जाने।
कांग्रेस पार्टी पूछना चाहती है कि एमपीपीएससी की परीक्षा में कश्मीर और महात्मा गांधी को लेकर विवादित प्रश्न क्यों? कांग्रेस पार्टी की मांग है कि चेयरमेन इस्तीफा दें, प्रश्नपत्र चयनकर्ता के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज हो।