कर्मचारी से शासन की वसूली पर ब्याज नही ले सकती सरकार…

किसी भी वर्ग कर्मचारी के शासन की वसूली पर ब्याज नहीं ले सकती सरकार  हाईकोर्ट श्री रोहित कुमार शाह, एच ओ डी, (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग) शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय ख़िरसा डोह जिला छिंदवाड़ा में कार्यरत हैं। श्री शाह को वर्ष 2009 से वेतन वृद्धियों ( परिवार नियोजन के परिणामस्वरूप एवं अन्य अतिरिक्त वेतन वृद्धियों ) का लाभ दिया गया था।

उपरोक्त वेतन वृद्धियों को दिनांक 11/04/19 को प्राचार्य पॉलिटेक्निक महाविद्यालय ख़िरसा डोह छिंदवाड़ा द्वारा,निरस्त कर की जाकर, श्री शाह के विरुद्ध वसूली रुपये 16,15, 399 निर्देशित की गई थी। निर्देशित वसूली में मूल धन रुपये 8,27,933 था, जबकि ब्याज की राशि रुपये 7,87,466 अधिरोपित की गई थी।

मूल धन की वसूली के बाद, ब्याज की राशि 20,000 मासिक किस्तों में वेतन से वसूली जा रही थी। श्री शाह के द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर की शरण ब्याज वसूली के विरुद्ध ली गई थी। श्री शाह की ओर से पैरवीकार जबलपुर के अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी ने बताया है कि शासकीय पक्ष के द्वारा वसूली को इस आधार पर उचित ठहराया जा रहा था कि कर्मचारी सेवा में है एवं क्लास 3 नही की परिधि मे नही है। श्री चतुर्वेदी द्वारा कोर्ट का ध्यान इस ओर आकर्षित किया कि कर्मचारी से ब्याज की वसूली संवैधानिक प्रावधानों का अतिक्रमण है । उसके द्वारा विभाग के समक्ष किसी प्रकार की जानकारी निर्धारण के पूर्व नही छिपाई गई है। इसके अलावा उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रतिपादित विधि के विरुद्ध ब्याज की वसूली की जा रही है।

उच्च न्यायालय जबलपुर ने अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी के तर्कों से सहमत होकर, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से दिनांक 30/07/21 को हुई सुनवाई के दौरान रिट याचिका मंजूर करते हुए वित्त विभाग, कौशल विकास , आयुक्त टेक्निकल एडुकेशन, प्राचार्य पॉलिटेक्निक महाविद्यालय ख़िरसा डोह छिंदवाड़ा को आदेश जारी कर, याचिकाकर्ता को अतिशीघ्र ब्याज की राशि रुपये 7,87,466 लौटाने के निर्देश दिए हैं।