कर्ज की बैसाखी पर टिकी सरकार …………

मध्यप्रदेश की शिव राज सरकार एक बार फिर दो हजार करोड़ रुपए का कर्ज खुले बाजार से लेने जा रही है। इसके लिए 31 अगस्त तक राज्य सरकार ने वित्तीय संस्थाओं से प्रस्ताव आमंत्रित किए है……

बर्षो से सरकार की वित्तीय संस्थाओ व् खुले बाजार से कर्ज पर कर्ज लेकर प्रदेश सरकार चल रही है जबकि प्रदेश में संसाधनों की कोई कमी नहीं है ? हर वर्ग जी तोड़ मेहनत कर प्रत्यक्ष व् परोक्ष रूप से सरकार का खजान भर रहा है , किसान भाई खेतो में अपना खून पसीना सींच सींच कर बम्फर खाधान उत्पादन कर 7 बार क्रषि कर्मण्य पुरुस्कारों का तोहफा  सरकार  की झोली में डाल चुके है  ! फिर भी कर्ज पर कर्ज लेना सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन का जीता जागता उदाहरण है ? यह सोचनीय बिषय है की आखिर जनता की गाढ़ी कमाई पर आखिर दोनों हाथो से खजाना लुटा कर अय्याशी कौन कर रहा है और सरकार की झोली भरने बाली जनता कर्ज के बोझ तले तिलमिलाने के लिए आखिर क्यों मजबूर है या की जा रही है ? इस सबाल का जबाब देने से आखिर सरकारे और उनके नुमाइंदे बगले क्यों झाकने लगते है , इस सबाल का जबाब तो हुकमरानो को देना ही होगा ? प्रतीक्षारत है हम और प्रदेश की जनता भी …….?  राकेश प्रजापति 

मध्यप्रदेश की शिव राज सरकार एक बार फिर दो हजार करोड़ रुपए का कर्ज खुले बाजार से लेने जा रही है। इसके लिए 31 अगस्त तक राज्य सरकार ने वित्तीय संस्थाओं से प्रस्ताव आमंत्रित किए है।
राज्य सरकार इसके लिए रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया के कोर बैंकिंग साल्यूशन  ई कुबेर सिस्टम के जरिए आॅनलाईन निविदाएं आमंत्रित करेंगी। 31 अगस्त तक राज्य सरकार को कर्ज देने की इच्छुक संस्थाएं अपने प्रस्ताव दे सकेंगी। इसके लिए इलेक्ट्रानिक  तौर पर ई- आॅफर देना होगा। जो वित्तीय संस्थाएं सबसे कम ब्याज दर पर राज्य सरकार को कर्ज देने के लिए तैयार होंगी और जिसका आॅफर सबसे बेहतर होगा उस वित्तीय संस्था से एक सितंबर 2021 को कर्ज लिया जाएगा। इस कर्ज की अदायगी राज्य सरकार पांच साल में करेगी। एक सितंबर 2026 तक यह कर्ज राज्य सरकार अदा कर देगी।

*दो लाख 53 हजार करोड़ की है देनदारियां* :- राज्य सरकार पर अभी 2 करोड़ 53 लाख 335 करोड़ की देनदारियां है। इसमें खुले बाजार से एक लाख 54 हजार करोड़ का कर्ज  लिया गया है।  पावर बांड और अन्य बांड का कंपनशेशन का 7360 करोड़ देना है।  वित्तीय संस्थाओं की देनदारी 10 901 करोड़ की है। केन्द्र सरकार से ऋण एवं अग्रिम के रुप में 31 हजार 40 करोड़ रुपए राज्य सरकार ने ले रखे है। अन्य दायित्व 20 हजार 220 करोड़ रुपए के है।