कभी भी फूट सकता है छात्र-छात्राओं का गुस्सा ……

शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज खिरसाड़ोह छिंदवाड़ा में प्राचार्य के साथ-साथ विभिन्न विभागो के  विभागाध्यक्षों की मिलीभगत से संस्था में भ्रष्टाचार का तांडव चल रहा है,नियमविरुद्ध कार्य करना मानो इन लोगों का शगल बन गया है ! प्रभारी प्राचार्य द्वारा भ्रष्टाचार के नए-नए रिकॉर्ड अब धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं ! जिसके चलते शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज खिरसाड़ोह में छात्र-छात्राओं और व्याख्याताओं के बीच प्रभारी प्राचार्य और उनके संगठित गिरोह के गुर्गों के प्रति आक्रोश साफ झलकने लगा है ! इसकी परिणति कभी भी सडकों पर देखने को मिल सकती है ! वह दिन दूर नही जब प्रभारी प्राचार्य और उनके संगठित गिरोह की गूँज सडको पर सुनाई देने बाली है ! इसके साथ ही जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के निकम्मेपन की चर्चा भी हर जुवान पर होगी ……..?
छात्र छात्रों के अंदर जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है जो कभी भी आंदोलन के रूप में सामने आ सकता है ! सूत्रों ने बताया की कुछ छात्र नेताओं ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि प्राचार्य द्वारा अपने पुत्र को नियम विरुद्ध तरीके से महाविद्यालय में प्रवेश दिलाया गया ! इस तरह के और भी कारनामे यह संगठित गिरोह ना जाने कब से कर रहा है ? जाहिर सी बात है कि इसके पीछे कोई ना कोई इनका लाभ प्रत्यक्ष रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से अर्थ व अन्य कार्यों के रूप में जुड़ा हो सकता है ? परंतु इस संगठित गिरोह और उनके गुर्गे के चलते प्रतिभावान छात्र छात्राओं का भविष्य यह चंडाल चौकड़ी बर्बाद करने पर तुली हुई है ! यह अब सबके सामने आ गया है ! वैसे तो इनके अनेक भ्रष्टाचार के मामले अब जनता के सामने हैं , बावजूद इसके इन्हें जरा सी भी शर्म महसूस नहीं हो रही है और यह अपने मंसूबों पर लगातार काम कर रहे हैं !
आश्चर्य तो इस बात का भी है की जिले के निकम्मे जिम्मेदार नौकरशाह और जनप्रतिनिधियों के कानो में किसी ने  गर्म सीसा डाल दिया हो ? जो इन्हें बच्चो के भविष्य और संस्था की प्रतिष्ठा से मानो कोई सरोकार न हो ? सत्ता के लालची ये जनप्रतिनिधि अभी सिर्फ धन उगाही के एकमात्र काम तबादला उधोग में ही अपना ध्यान केन्द्रित किये हुए है ! वहीं भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राजनीतिक दलों के नेताओं को शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य और उनके संगठित गिरोह की कालगुजारियों से शिकायतों के माध्यम से अवगत कराया जा चुका है ! बावजूद इसके कोई कार्यवाही ना होना पूरी व्यवस्था पर ही सवालिया निशान खड़े करता है ?

तो क्या यह समझा जाए की जिले के वरिष्ठ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों  के संरक्षण में यह संगठित गिरोह पुष्पित पल्लवित हो रहा है और इसका सीधा लाभ प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से इन अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को  सामूहिक लूट और लूट के आपसी बंटवारे के रूप में मिल रहा है ! शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज खिरसाड़ोह की साख इन निकम्मे भ्रष्ट विभागाध्यक्क्षो  के साथ-साथ नेताओं और जिले के वरिष्ठ अधिकारी इस संस्थान की साख को बट्टा लगाने का काम कर रहे हैं ! अब देखना होगा की यह इसमें कितने कामयाब होते है ? या इन्हें  दिगम्बर होने में कितना वक्त लगता है  …?                                                                                                                   …………..जारी