और पेपर छूटने तक बारात रुकी रही ..

वर्तमान समय में शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण अंचलों में भी शिक्षा का महत्व लोगों को समझ में आने लगा है ! बिना शिक्षा के जीवन व्यर्थ है !  शिक्षा के बिना समझ तो आती ही साथ ही जमाने को देखने का नजरिया भी आता है ! आत्मनिर्भर होने के लिए शिक्षित होना बहुत जरूरी है ! ऐसा ही एक वाकया हमें आज देखने को मिला जब जिले के ठेठ आदिवासी अंचल की एक बेटी का विवाह आज हुआ !  परन्तु आज ही उसके कालेज भी वार्षिक परीक्षा  का पेपर होना बाकी था ..

बच्ची ने वर पक्ष को इस बात से आवगत कराया  और उन्हें पेपर देने की बात रखी ! वर पक्ष ने भी नवविवाहिता की भावनाओं की कद्र कर उसे सहश्र पेपर देने की इजाजत दी और तो और दुल्हे ने अपनी नव विवाहिता दुल्हन को महाविद्यालय तक छोड़कर आया !

 

3 घंटे तक बारात लड़की वालों के यहां विदाई के लिए इंतजार करती रही ! बच्ची के पेपर देकर आने के बाद विदाई की रस्म अदा की गई और सहस्त्र दोनों वर वधू अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गए !  इस बात की चर्चा देखते ही देखते पूरे जिले में फैल गई और जिसने भी सुना उसने बच्ची की हौसले और वर पक्ष की समझदारी की तारीख मुक्त हृदय से कर रहे हैं ….

 

जिले के शासकीय महाविद्यालय हर्रई कॉलेज की जहां बीएससी तृतीय वर्ष की नियमित छात्रा सावित्री इरपाची की 12 मई को शादी हुई। विदाई के बाद दुल्हन ससुराल जाने से पहले परीक्षा देने कॉलेज पहुंची। जहां दूल्हा स्वयं दुल्हन को परीक्षा केन्द्र तक छोडने गया।

 

दुल्हन की सहेलियों ने परीक्षा कक्ष में उनका स्वागत किया और शिक्षा के प्रति उसके समर्पण भावना की प्रशंसा की। कॉलेज के सहपाठियों ने दुल्हन को नए जीवन की शुरुआत के लिए खुशी खुशी शुभकामनाएं देकर विदा किया।  ….