ओबीसी आरक्षण के साथ होंगे निकाय और पंचायत चुनाव ..

प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अभी अभी अपना फैसला सुनाया । बीते दिनों प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एप्लीकेशन फॉर मॉडिफिकेशन याचिका लगाई थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया । ज्ञात हो कि कोर्ट में कल दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था….

सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव और नगर निकाय चुनाव में ओबीसी वर्ग को आरक्षण प्रदान करने पर सहमती जताई है !

सुप्रीम कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि किसी भी सूरत में आरक्षण 50% से अधिक नहीं होना चाहिए।

राज्यवार देखें तो प्रदेश में अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग को 16% तथा अनुसूचित जनजाति (एसटी) को 20% आरक्षण मिल रहा है। इस तरह 36% आरक्षण का लाभ मिल रहा है।

 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं होगा। लिहाजा, (50-36=14) 14 फीसदी से ज्यादा नहीं मिलेगा OBC को आरक्षण।

 

याचिकाकर्ता सैयद जाफर और जया ठाकुर लगातार कह रहे थे कि भारतीय संविधान में ओबीसी वर्ग को आरक्षण का प्रावधान है, लेकिन सरकार की प्रशासनिक चूक की वजह से ओबीसी वर्ग आरक्षण से वंचित हो रहा था।याचिकाकर्ताओं ने कहा कि कोर्ट का निर्णय संविधान की जीत और मध्य प्रदेश सरकार की प्रशासनिक चूक पर जोरदार तमाचा है !

 

बिना परिसीमन पंचायत चुनाव कराने के राज्य सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाले कांग्रेस नेता सैयद जाफर ने कहा कि अब ऐसा नहीं होगा। जनपद पंचायत अनुसार आरक्षण तय किया जाएगा। इसके अनुसार यदि किसी जनपद पंचायत में अनुसूचित जनजाति वर्ग के जनंसख्या 30% और जनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या 25% है तो ओबीसी को कोई आरक्षण नहीं मिलेगा। वहीं, यदि किसी जनपद पंचायत में अनुसूचित जनजाति वर्ग के जनंसख्या 30% और अनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या 15% है तो ओबीसी को 5% आरक्षण मिलेगा। वहीं, यदि जनपद पंचायत में अनुसूचित जनजाति वर्ग और अनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या 5-5% है। यानी ओबीसी की जनंसख्या 40% है, तो ऐसी स्थिति में ओबीसी वर्ग को 35% से अधिक आरक्षण नहीं मिलेगा।

याचिकाकर्ता सैयद जाफर और जया ठाकुर के जल्द चुनाव कराने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार को पंचायत एवं नगर निकाय चुनाव जल्द घोषित करने के सख्त निर्देश दिए।

 

जानकारो के मुताबिक़ सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार को आरक्षण एक हफ्ते में नोटिफाई करने के आदेश भी दिए। वहीं 50% तक आरक्षण का लाभ मिलेगा। जिसमे एसटी-एसटी, और ओबीसी (Sc,St OBC) को मिलाकर 50% आरक्षण होगा।

 

कोर्ट फैसले को सत्ताधारी भाजपा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को मिला सुप्रीम कोर्ट का समर्थन मिलना बताया है।