आरआई 25 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार ..

प्रदेश में रिश्वतखोरी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है ! मानो इन भ्रष्टाचारियो में होड़ सी लगी हुई है की कौन कितनी अधिक रिश्वत ले रहा है ! इस अघोषित होड़ के चलते ये  भ्रष्टाचारी एजेंसियों की पकड में आ रहे है ! सरकार में बैठे लोगो को ये दिखाई नही पड रहा है की प्रदेश भ्रष्टाचार के दलदल में समाता जा रहा है और प्रदेश की जनता त्राहिमाम-त्राहिमाम कर कराह रही है ..अफ़सोस कोई जनता की चीत्कार को सुनने बाला नही है ….? सब चुनाव जीतने और जिताने की खरीद -फरोस्त की जुगत में लगे हुए है ….

मामला राजधानी भोपाल का जहां राजस्व विभाग के आरआई अनिल कुमार मालवीय को रिश्वत लेते लोकायुक्त ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया . भोपाल लोकायुक्त की टीम ने आरआई को 25 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है. कहीं न कहीं कड़े कानून नहीं होने के वजह से रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारी पकड़े जाने के बाद भी बच जाते हैं. इसीलिए इनके हौसले बुलंद हैं.

 

जानकारी के मुताबिक रिटायर्ड एएसआई जेपी त्रिपाठी को अपने जमीन का सीमांकन करवाना था. जिसके एवज में राजस्व विभाग के आरआई अनिल कुमार मालवीय ने 30 हजार रूपये की रिश्वत मांगी थी. इस मामले की शिकायत रिटायर्ड एएसआई जेपी त्रिपाठी ने लोकायुक्त से कर दी. फिर रंगे हाथों ट्रैप करने का प्लान बनाया गया.

 

लोकायुक्त की टीम ने पूरे प्लानिंग के तहत शिकायतकर्ता को आरआई के पास रिश्वत देने के लिए भेजा गया. जैसे ही आरआई अनिल कुमार मालवीय 25 हजार रूपये घूस ले रहा था, उसे दबोच लिया गया. आरआई रिश्वत लेने के लिए प्राइवेट आदमी रखा हुआ था. जो पैसे लिया करता था. इस बार भी वो ही पैसे लेने आया था.

 

रिटायर्ड एएसआई की ग्राम हनोतिया आलम में 5000 स्क्वायर फीट की जमीन है. उस जमीन को सीमांकन करने के एवज में आरआई ने 30 हजार रुपये रिश्वत की डिमांड की थी. आरोपी आरआई के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है. प्रियदर्शनी अधिष्ठान पर लोकायुक्त के टीम की कार्रवाई आगे भी जारी है.!

 

जनता के जागरूक होना ही भ्रष्टाचार को कम करने में कारगर हथियार है ! बाकि मुर्दा हो चुकी नौकरशाही और राजनेताओ से उम्मीद करना बेमानी होगा ..