आंगनवाड़ी,सहायिका एवं आशा कार्यकर्ता को शासकीय कर्मचारी घोषित करे : कमलनाथ

भाजपा और RSS से जुड़ा भारतीय मजदूर संघ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आशा कार्यकर्ताओं के समर्थन में प्रदेश के हर जिले में धरना-प्रदर्शन की नौटंकी कर रहा है। प्रदेश की शिवराज सरकार ने कोरोनाकाल में आंगनबड़ी कार्यकर्ताओं-बहनों को 10 हजार रूपये अनुग्रह राशि का वादा किया था। इसके अलावा केंद्र सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में 1500 रूपये की वृद्धि करने की घोषणा की थी। भारतीय मजदूर संघ को भाजपा सरकार से तत्काल इन घोषणाओं को अमल में लाने का दबाव डालना चाहिए। लेकिन संघ अपनी ही सरकार पर दबाव डालने की जगह आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को भ्रमित करने के लिए धरना-प्रदर्शन करने की नौटंकी कर रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज जारी एक बयान में यह बात कही..

श्री नाथ ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की समस्याओं को लेकर प्रदेश भर के जिला मुख्यालयों पर किए जा रहे प्रदर्शन को नौटंकी ही कहा जाएगा, क्योंकि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और बावजूद इसके भारतीय जनता पार्टी का श्रमिकों का अनुषांगिक संगठन भारतीय मजदूर संघ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं का आशा कार्यकर्ताओं बहनों के लिए धरना प्रदर्शन कर रहा है, जबकि सत्ता पक्ष में होने के नाते इन्हें सीधे मुख्यमंत्री से बात करके आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं आशा कार्यकर्ताओं बहनों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बहनों के लिए कोरोनाकाल में किए गए अतिरिक्त कार्य को लेकर 10000 रूपये की अनुग्रह राशि देने का वादा किया था वह आज तक उन्होंने पूरा नहीं किया। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बहनों के लिए 1500 रूपये की बढ़ोतरी की घोषणा की गई थी। लेकिन आज तक शिवराज सरकार द्वारा उसे अमल में नहीं लाया गया। वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका बहनों से आंगनबाड़ी कार्यों के अलावा अन्य कई विभागीय कार्य सर्वे इत्यादि कराए जाते हैं, जिनका उन्हें ना तो मेहनताना दिया जाता है ना ही कोई प्रोत्साहन राशि दी जाती है। जिसके कारण सभी बहने अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही हैं।
कांग्रेस पार्टी शिवराज सिंह सरकार से मांग करती है कि सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका बहनों एवं आशा कार्यकर्ता बहनों को शासकीय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी घोषित किया जाए।

उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका बहनें पोषण ट्रैकर सेम मेम ऐप को लेकर परेशान है। आए दिन अधिकारी इस ऐप के माध्यम से कार्यकर्ताओं को काम का अत्यधिक बोझ देकर परेशान कर रहे हैं। ऐप अंग्रेजी में होने के कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका बहने इसे चला नहीं पा रही है। उन्हें अधिकारियों के उत्पीड़न का शिकार होना पड़ रहा है। इस ऐप को तत्काल बंद किया जाये।